📰 परिचय
20 जून 2025 को इंडियन एविएशन इंडस्ट्री को हिला देने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। इंडिगो की फ्लाइट 6E-6764, जो गुवाहाटी से चेन्नई जा रही थी, उसे ‘इंडिगो फ्लाइट फ्यूल मे डे’ (Fuel Mayday) घोषित कर बेंगलुरु एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।
यह घटना न सिर्फ यात्रियों की जान के लिए खतरा बन सकती थी, बल्कि इससे देश के हवाई सुरक्षा मानकों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
🛬 आखिर क्या हुआ था इस फ्लाइट में?
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फ्लाइट नंबर: 6E-6764 (Airbus A321)
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रूट: गुवाहाटी → चेन्नई
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यात्री onboard: 168
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समस्या: चेन्नई एयरपोर्ट पर लैंडिंग में देरी, जिसकी वजह से विमान का फ्यूल क्रिटिकल लेवल पर पहुंच गया
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स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर पायलट ने बेंगलुरु एयर ट्रैफिक कंट्रोल को “Mayday” कॉल दिया
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लगभग रात 8:15 बजे, फ्लाइट ने Kempegowda International Airport (Bengaluru) पर सुरक्षित लैंडिंग की
📌 “Mayday” क्या होता है?
“Mayday” एक इंटरनेशनल इमरजेंसी सिग्नल होता है जो पायलट तब भेजता है जब विमान को तत्काल सहायता की आवश्यकता हो। इसका उपयोग केवल गंभीर स्थितियों जैसे कि फ्यूल क्राइसिस, इंजन फेल्योर या मेडिकल इमरजेंसी में किया जाता है।
📷 घटना के प्रमुख बिंदु (Key Highlights)
बिंदु | विवरण |
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फ्लाइट नंबर | 6E-6764 |
एयरलाइन | IndiGo |
ओरिजिन | गुवाहाटी |
गंतव्य | चेन्नई |
लैंडिंग | बेंगलुरु (डाइवर्ट) |
यात्री | 168 |
क्रू | 6 |
आपातकालीन कॉल | फ्यूल मे डे |
स्थिति | सभी यात्री सुरक्षित |
🕵️♀️ DGCA ने क्या कदम उठाए?
भारत की एविएशन रेगुलेटरी बॉडी DGCA (Directorate General of Civil Aviation) ने तुरंत एक प्रारंभिक जांच शुरू की और दोनों पायलटों को ड्यूटी से हटा (derostered) दिया है।
जांच के मुख्य बिंदु:
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क्या फ्यूल प्लानिंग में गलती हुई?
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क्या फ्लाइट ने ऑपरेशन मैन्युअल का पालन किया?
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चेन्नई एयरपोर्ट पर ट्रैफिक मैनेजमेंट की भूमिका क्या रही?
🔍 क्यों है ये मामला इतना अहम?
यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में यह दूसरा बड़ा मे डे कॉल है। हाल ही में एक और इंडिगो फ्लाइट को भी तकनीकी समस्या के चलते आपातकालीन स्थिति का सामना करना पड़ा था।
इससे उत्पन्न होती चिंताएँ:
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क्या इंडियन एविएशन में सेफ्टी प्रोटोकॉल ठीक से लागू हो रहे हैं?
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क्या पायलट्स पर प्रेशर ज़्यादा है?
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क्या एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम पर रिव्यू की ज़रूरत है?
👥 यात्रियों का अनुभव
फ्लाइट में मौजूद कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें नहीं बताया गया था कि फ्लाइट में फ्यूल इमरजेंसी है। कई लोगों ने लैंडिंग के बाद सोशल मीडिया पर अनुभव साझा करते हुए कहा कि ये उनका अब तक का सबसे डरावना हवाई सफर था।
✅ भविष्य में क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
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सख्त फ्यूल प्लानिंग प्रोटोकॉल: DGCA को सभी एयरलाइनों के SOP की समीक्षा करनी चाहिए।
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एयर ट्रैफिक की बेहतर प्लानिंग: मेट्रो शहरों के एयरपोर्ट्स पर ओवरट्रैफिक को कंट्रोल करना जरूरी है।
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क्रू ट्रेनिंग में सुधार: फ्लाइट क्रू को अधिक रियल-टाइम सिचुएशंस में ट्रेनिंग देना ज़रूरी है।
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पैसेंजर कम्युनिकेशन: यात्रियों को समय-समय पर सटीक जानकारी देना एयरलाइन की जिम्मेदारी है।
🔗 विश्वसनीय स्रोत
📢 निष्कर्ष
यह घटना हमें याद दिलाती है कि हवाई यात्रा जितनी तेज़ और आसान है, उतनी ही संवेदनशील भी है। सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर ज़िम्मेदारी निभाना बेहद जरूरी है – चाहे वह एयरलाइन हो, ATC हो या रेगुलेटरी एजेंसी।
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