⚠️ Pankaj Dwivedi Union Bank Demotion: 7 Shocking कारण why this surprised India!

Pankaj Dwivedi Union Bank

Pankaj Dwivedi Union Bank

1️⃣ Pankaj Dwivedi Union Bank — क्या हुआ?

Pankaj Dwivedi Union Bank विषय तब चर्चा में आया जब उनकी उभरती ग्रोथ रुक गई—2015 से Punjab & Sind Bank में स्थिर करियर के बाद, अचानक Union Bank में Executive Director (ED) पद से उन्हें वापस GM के रूप में भेज दिया गया।


2️⃣ कौन हैं Pankaj Dwivedi?

  • MBA (Symbiosis, Pune), Certified Associate–IBA (CAIIB), IIM Bangalore से leadership प्रोग्राम

  • Decades से Punjab & Sind Bank में GM पद पर थे

  • मार्च 2024 में Union Bank of India ने उन्हें ED के रूप में प्रमोट किया था


3️⃣ Union Bank में Executive Director नियुक्ति

मार्च 2024 में उनकी ED की जिम्मेदारी थी, जिसमें policy-making, strategic planning और senior-level banking operations शामिल थे।
परन्तु अगस्त 2024 तक Delhi High Court में एक PIL लंबित हो गया—उसमें उन पर vigilance clearance न होने और sexual-harassment सम्बंधित आरोप थे।


4️⃣ Pankaj Dwivedi Union Bank demotion क्यों हुआ?

24 जून 2025 को Gazette Notification जारी कर स्पष्ट किया गया कि Union Bank में उनकी ED नियुक्ति रद्द की जाती है।
उन्हें तुरंत Punjab & Sind Bank में GM के रूप में पुनर्बिठाया गया—बिना ED-level status, ग्रेड और अतिरिक्त जिम्मेदारियों के।


5️⃣ PIL और vigilance clearance विवाद

  • अगस्त 2024 में Delhi High Court में देवश्री नामक व्यक्ति ने PIL दायर की जिसमें sexual harassment एवं corruption allegations शामिल थे।

  • यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने vigilance clearance के बिना उच्च पद ग्रहण किया—जो CVC और बैंक नियमों का उल्लंघन था।

  • केस चल रहा है लेकिन PIL की स्वीकार्यता ने सरकार एवं बैंकिंग बोर्ड को स्थिति में सख्ती दिखाने पर मजबूर कर दिया।


6️⃣ 7 Shocking कारण सरकार ने कदम उठाया

  1. Vigilance clearance का अभाव

  2. Sexual-harassment PIL—Delhi High Court की निगरानी

  3. Bank governance को इनसाइड से चुनौती

  4. Accountability की मांग—बड़े पद पर नियमों का उल्लंघन

  5. Media और public scrutiny—बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ी

  6. स्थापित नियमों को पुनः सम्मान—CVC, BOB और बैंक बोर्ड की भूमिका

  7. Precedent सेट किया गया—PSU बैंक कर्मियों को स्पष्ट संदेश गया


7️⃣ बैंकिंग सेक्टर पर इसका प्रभाव

  • Executive-level promotions में vigilance और procedure से जुड़ी सख्ती बढ़ी

  • HR processes को पुनः audit करना शुरू किया गया

  • बैंक कर्मियों में awareness बढ़ी कि promotions chain-of-clearance के बाद ही संभव

  • Public sector में organizational culture में बदलाव की पहल शुरू


8️⃣ अब उनका अगला कदम क्या होगा?

  • Punjab & Sind Bank में GM के तौर पर पुनः कार्य शुरू होगा

  • Delhi High Court में PIL सुनवाई जारी रहेगी—इनकी career भविष्य मेंहानि/लाभ निर्धारित करेगी

  • यदि vigilance clearance न मिला तो भविष्य में फिर high-level पदों की उम्मीद कम होगी


9️⃣ FAQs

Q1: क्या Union Bank में उनकी ED नियुक्ति वैध थी?
➡️ नहीं—जब तक vigilance clearance नहीं मिलता, ED-level appointment गैरकानूनी मानी जाती है।

Q2: vigilancia clearance क्यों आवश्यक है?
➡️ PSB के बड़े पदों पर integrity जांच आवश्यक होती है, जिसकी जिम्मेदारी Central Vigilance Commission (CVC) की होती है।

Q3: Delhi High Court ने क्या आदेश दिया?
➡️ Court ने मामले की गंभीरता देखी और Gazette notification जारी करने की प्रक्रिया की पूछताछ की।

Q4: क्या यह पहली बार हुआ?
➡️ नहीं—लेकिन ED ग्रेड से GM में revert होना rare घटना है, इसलिए यह चर्चित बना।


🔟 निष्कर्ष

Pankaj Dwivedi Union Bank केस में स्पष्ट हुआ कि Public Sector Banks में procedure, vigilance और legal scrutiny को छोड़कर कोई कदम आगे नहीं बढ़ सकता।
यह मामला यह साबित करता है—senior officers को कानून, ethics और accountability की कड़ी जांच के बगैर प्रमोट नहीं किया जाएगा।
इससे बैंकिंग में structural improvement शुरू हुई है, जिसमें merit और compliance दोनों का महत्व सरकार की प्राथमिकता बन गया है।


🔗 External Links (सिर्फ अंत में – DoFollow)

 

🔗 Internal Links

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Index